नुसरत बाबा जो करते हैं सो अनूठा ही होता है.
ये कंपोज़िशन सुनिये तो लगता है जैसे सुरों का
एक दहकता अंगार हमारे बीच मौजूद है.
उस्तादजी ने क़व्वाली विधा में काम करते हुए मौसीक़ी
के हर उस नयेपन को क़ुबूल किया जो सुरीला हो.
पूरिया या मारवा जैसे राग से प्रकाशित यह बंदिश
रोंगटे खड़े करती है. मुलाहिज़ा फ़रमाएँ.
6 comments:
सानदार...
सानदार...
बैंडिट क्वीन में बैकग्राउण्ड में इस्तेमाल किए गए इनके और कई गीतों के साथ यह बेहद मधुर कलात्मक गीत भी है ।
www.fluteguru.in
Pandit Dipankar Ray teaching Hindustani Classical Music with the medium of bansuri (Indian bamboo flute). For more information, please visit www.fluteguru.in or dial +91 94 34 213026, +91 97 32 543996
बेहतरीन
बहुत खूब!
HindiPanda
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