
उस्ताद नुसरत फ़तेह अली का नाम ज़ुबाँ आए तो समझिये इबादत हो गई.
क़व्वाली को जिस अंदाज़ में उन्होंने गाया है वह जितना रूहानी है उतना ही करामाती भी. बस सुनते वक़्त चाहिये थोड़ी सी तसल्ली और एक क़िस्म की लगन.यदि ये दोनो आपके पास हैं तो नुसरत बाबा यक़ीनन आपको दूसरी दुनिया में ले जाने का हुनर रखते हैं. वहाँ विलक्षण गायकी है,लयकारी है और आबाद हैं स्वर के कुछ ऐसे करिश्माई तेवर जो आपको झकझोर कर रख देंगे.कितने अलग अंदाज़ से नुसरत बाबा ने गढ़ी है क़व्वाली की यह रिवायत...आनंद लीजिये.
6 comments:
बस सुन रहा हूँ संजय भाई। आभार
खूब, बहुत खूब
उस्ताद नुसरत फ़तेह अली का नाम ज़ुबाँ आए तो समझिये इबादत हो गई....sahi kha aapne...kavaali sun ruh khush ho gayi....!
dhanywad aapka is kavaali k liye
वाह...सचमुच मालामाल हुए जा रहे हैं हम...
शुक्रिया हुजूर..
www.fluteguru.in
Pandit Dipankar Ray teaching Hindustani Classical Music with the medium of bansuri (Indian bamboo flute). For more information, please visit www.fluteguru.in or dial +91 94 34 213026, +91 97 32 543996
Post a Comment