ग़ज़ल के परचम को ऊँचा ले जाने वाले सर्वकालिक महान गुलूकार मेहंदी हसन साहब इन दिनों बहुत बीमार हैं.आर्थिक रूप से उन जैसा कलाकार इसलिये भी संकट में है कि उन्होंने कभी अपनी ज़िन्दगी को बहुत गंभीरता से लिया ही नहीं.भविष्य के लिये सोचने का मौक़ा उन जैसे कलाकारों को कम ही मिल पाता है. आज की पीढ़ी के तमाम कलाकार इस मामले में ज़्यादा सतर्क और सूझबूझ से काम ले रहे हैं. होता यह है कि क़ामयाबी के दौर में कलाकार बस अपने फ़न और प्रस्तुतियों पर ध्यान देना चाहता है. घर-गिरस्ती,स्वास्थ्य,भविष्य के लिये बचत , घर और दीगर सुविधाओं से बेख़बर कलाकार सोचता है अभी समय ठीक चल रहा है चलो अभी तो गाने में ही लगे रहें.समय तो ढलता ही है और शोहरत भी कम होती है. वक़्त के पहले यदि कलाकार ने अपने लिये रूपया-पैसा बचा रखा हो तो ठीक वरना वह सरकार की तरफ़ मुँह ताकता है. कलाकार की मरणासन्न अवस्था में परिजन सोचते हैं स्वास्थ्य के नाम पर सरकारी मदद को भुना ही लिया जाए. यदि सम्पत्ति बेतहाशा है तो अगली पीढ़ी एक दूसरे मरने-मारने तक पर आ जाती है. समझदारी का तक़ाज़ा है कि ऐसे हालात बने उसके पहले कलाकार को समझदारी से जीवन की संध्या बेला में महत्वपूर्ण निर्णय ले लेना चाहिये.लेकिन हम श्रोता तो सिर्फ़ अपने अज़ीज़ फ़नकारों के सुखी जीवन स्वास्थ्य के लिये दुआ कर सकते हैं.
मेहंदी हसन साहब के लिये पूरी दुनिया के संगीतप्रेमियों में सहानुभूति का भाव है और सभी लोग उनके लिये प्रार्थनारत हैं. मृत्यु जीवन की एक ऐसी सचाई है जिसे नकारा नहीं जा सकता है लेकिन चूँकि कलाकार जीवन भर हमारी ज़िन्दगी को तसल्ली बख्शने का काम करता है सो श्रोता उससे एक ख़ास रिश्ता बना लेता है. कभी कलाकार से मिला न हो,रूबरू सुना न हो लेकिन सिर्फ़ कैसेट,सीडी और रेडियो का आसारा लेकर ही वह अपने जीवन के सुख-दु:ख अपने महबूब फ़नकार की आवाज़ में तलाशता है. आप सोच रहे होंगे आज मेहंदी हसन साहब के हवाले से मैं लैक्चर देने के मूड में कैसे आ गया.नहीं जी ऐसा कुछ नहीं.ख़ाँ साहब की आवाज़ का जादू ही ऐसा है कि उनका ज़िक्र आते ही मन में बहुत सी बातें अनायास आ जातीं हैं. चलिये मेहंदी हसन के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए ये गीत सुन लेते हैं.(मेहंदी हसन साहब की अनेक नायाब ग़ज़लें आप सुख़नसाज़ पर भी सुन सकते हैं)
8 comments:
बहुत ही उम्दा चीज़ पोस्ट की आपने संजय भाई. बाबा के लिए हम तो फ़कत दुआ मांग सकते हैं. और कुछ नहीं.
सून्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति, बहुत-बहुत बधाई
ik sitam or .....bahut khoob
ek sitam aur meri jaan abhi jaan baaki hai....
waah bahot khub rahi ye gazal to....
arsh
sanjay bhayi...kaisey shukraana kahuun...badi munmaafiq cheez sunavaa dii aapney aaj..dinbhar suni jaayegi...
एक तो खां साहब के दीर्घ आयु की कामनाओं के लिये आपके मन में उमडे भीगे भीगे उद्गार, हम सब की पाक दुआओं के साथ इतना असर करें, कि उनकी तबियत जल्द से जल्द ठीक हो जाये यही मालिक से गुज़रीश.
दूसरे आप के संवेदनशील मन से ये जो भाव अभिव्यक्त हुए है, इसके कारण हम सभी संगीत अनुरागियों को मसर्रत हासिल हुई है, आप को पढकर.
खुशामदीद.
आह दिल में अब तक तेरी उल्फत के निशाँ बाकी हैं ! हमेशा बाकी रहेंगे।
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Pandit Dipankar Ray teaching Hindustani Classical Music with the medium of bansuri (Indian bamboo flute). For more information, please visit www.fluteguru.in or dial +91 94 34 213026, +91 97 32 543996
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