इंटरनेट की रविवारीय सैर में ये गीत मुझे हाथ लगा. नाहिद अख़्तर की आवाज़ है और बहुत प्यारे बोल हैं. सबसे अच्छी बात मुझे यह लगी कि नाहिद आपा की आवाज़ में सुर की जो ख़ालिस सचाई है वह आजकल बहुत कम सुनाई देती है. दूसरी चीज़ इस गीत का कम्पोज़िशन है. पाकिस्तान से अमूमन हम सब ग़ज़लें,क़व्वालियाँ और लोक संगीत तो सुनते आए हैं लेकिन गीतों को भी बहुत लाजवाब धुन में ढ़ालने का एक सुरीला सिलसिला पाकिस्तान के कम्पोज़र्स के यहाँ सुनाई देता है. नाहिद अख़्तर की गाई हुई यह रचना उसी सुरीलेपन का पता देती है. समूह वॉयलिन,बाँसुरी,सारंगी और सरोद के साथ से सजी ये धुन कितनी मोहक और बेजोड़ बन पड़ी है, ज़रा सुन कर तो देखिये......
Naheed Akhtar Kabi Bindia .mp3 | ||
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6 comments:
बहुत खूब!!
आपने सुनाया तो हम सुन पाये.
बहुत उम्दा!!
:)
बहुत मधुर गीत सुनवाने का शुक्रिया
संजय भाई
नये साल की समस्त परिवार को बहुत सारी शुभकामनाएं
स्नेह सहीत
- लावण्या
संजय जी समीर जी के ब्लॉग से होती हुई आपके ब्लॉग तक चली आई ....जान कर अच्छा लगा आप सुरों के पुजारी हैं ....दिलीप जी तो गाते ही हैं इन्होने मेरी कुछ क्षणिकाओं को भी अपना स्वर दिया है .....आपका गीत अभी सुन नहीं पाई सुनुगी जरुर .....!!.....नव वर्ष की शुभकामनाएं ......!!
बहुत ही खूबसूरत गीत सुना.आवाज़ में खनक और कशिश ने मन मोह लिया.
आभार.
www.fluteguru.in
Pandit Dipankar Ray teaching Hindustani Classical Music with the medium of bansuri (Indian bamboo flute). For more information, please visit www.fluteguru.in or dial +91 94 34 213026, +91 97 32 543996
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