पं.मुकुल शिवपुत्र गान-शिरोमणि
पं.कुमार गंधर्व के ज्येष्ठ चिरंजीव है.बचपन से ही उन्हें सुर की संगत घर आंगन में ही मिली. सूफ़ियाना तबियत के मुकुलजी ऐसे गायक हैं जिन्हें अपने आपको बताने और अपना गाना सुनाने की कोई उत्तेजना नहीं है. मन लग गया गाने को तो गाएंगे,आपके जी में आए जो कर लीजिये. जैसे एक कलाकार होता है फ़क्कड़ तासीर और बिना किसी उतावली वाला , बस वैसे ही हैं मुकुलजी. वे तो ऐसे कलाकार हैं कि बस अपने आप को सुनना चाहते हैं कि आज परमात्मा का क्या आदेश है मेरे गले के लिये.
राग तिलक-कामोद में आपने कोयलिया बोले अमुआ की डागरिया तो सुनी है,आज सुनिये इसी राग में पं.मुकुल शिवपुत्र का ये तसल्ली भरा गायन.छोटी छोटी गमक से सजा गायन और गले से ख़ूशबू बिखेरती ,लहकती तानें.कैसा अनुपम आलोक बिखेरता है ऐसा गायन.न ज़्यादा , न कम , बस वैसा जैसा गाना होना चाहिये एकदम वैसा.
9 comments:
मुकुल शिवपुत्र को सामने से सुना है । अपने पिता की गायकी याद दिलाते हुये.. बेहद सुरीले ..
ati sundar !! anand bibhor kar dia
संजय भाई. आपने सही बात लिखी है..... जैसा गाना होना चाहिये एकदम वैसा.
मंत्रमुग्ध कर देने वाला...
प्याऊ चालू रखिये संजय जी। बड़ा मीठा पानी है। मुकुल जी से पहला साक्षात्कार है। प्रत्यक्षा ने सही कहा… अपने पिता की गायकी याद दिलाते हुए।
mukul ji se milne ka mann ho aaya sanjay bhai...
darshan ho sakte hain kya??
Awdhesh pratap singh
Indore 93292 31909
Sanjaybhai
Very sweet Raag with wonderful voice.
Thanks for a nice presentation.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
तृप्त हुआ मन.....फिर भी अच्छे की आस में यहाँ आता रहूंगा... मुकुल शिव पुत्र कुछ समय पहले मुम्बई आए थे पर सुनने जा न सका था...न जाने का मलाल थोड़ा कम तो हुआ है बहुत बहुत शुक्रिया संजय भाई....
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Pandit Dipankar Ray teaching Hindustani Classical Music with the medium of bansuri (Indian bamboo flute). For more information, please visit www.fluteguru.in or dial +91 94 34 213026, +91 97 32 543996
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